बुद्धू बक्सा हमारे पड़ोस में एक अंकल जी रहते हैं रिटायर्ड हैं ,और बच्चे उनके पास नहीं रहते वैसे तो उनकी अपनी दिनचर्या है पर लॉक डाउन के कारण उनकी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई और सभी की तरह उन्हें भी घर में बैठना पड़ा। मेरा संपर्क उनसे व्हाट्सएप से भी है तो जाहिर है वह मुझे गुड मॉर्निंग के साथ-साथ कुछ व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की खबरें भी प्रदान करते रहते हैं। इधर मैं कुछ दिनों से देख रही हूँ कि उनके मैसेज कम आ रहे हैं तो मैं हालचाल पूछने खुद ही चली गई। बुजुर्ग व्यक्ति हैं और ऊपर से कोरोना हम पड़ोसी धर्म नहीं निभाएँगे तो कैसे चलेगा।