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तेरे चेहरे की कशिश थी कि पलट कर देखा वर्ना सूरज त

 तेरे चेहरे की कशिश थी कि पलट कर देखा 
वर्ना सूरज तो दोबारा नहीं देखा जाता 

      #. मोहसिन नक़वी

अश्क अपना कि तुम्हारा नहीं देखा जाता 
अब्र की ज़द में सितारा नहीं देखा जाता
 तेरे चेहरे की कशिश थी कि पलट कर देखा 
वर्ना सूरज तो दोबारा नहीं देखा जाता 

      #. मोहसिन नक़वी

अश्क अपना कि तुम्हारा नहीं देखा जाता 
अब्र की ज़द में सितारा नहीं देखा जाता