दिन में हजारों दफा गाली के तौर पर निकाल कर बहन को मां को वो खुद को संस्कारी बता रहा है,,, अपनी जात को सबसे ऊंचा समझता है वो और इंसानियत को नीचे गिरा रहा है,,, अपनी परम्पाओं को छोटा समझ कर वो बाहरी नीची परम्परा अपना रहा है,,, ये कैसा वक़्त आ रहा है... part 8