मन करता है सब छोड़ दू, पंख अपने कुछ यू ओढ़ लू, ना देखु किसी को, ना उम्मीद करूँ, अपनी उड़ान का पंचम ओढ़ लू, करूँ ना किसी की कदर में, खुद को इस कदर बदल लू, ओरो को कीमत देते देते खुद को भूल गये, आज जरा खुद की कीमत समझ लू, जो सोचा था खुद को बनाने का, आज जरा उस मंज़िल को पकड़ लू, बहुत हो गयी यारी सबसे, अब खुद से थोड़ा यारी कर लू! ©Shayari#Ayushi #Vale #selfrespect #khudkikadar #Poetry #poem #Shayari #udaan #follow on Instagram #shayari_ayushi #apart