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मानव के जीवन में आत्मसात यम का अत्यंत ही महत्व है

मानव के जीवन में आत्मसात यम का अत्यंत ही महत्व है आत्मसम्मान को आत्महत्या कर हम जीवन के विषम परिस्थितियों को जीत सकते हैं वाहन की गति जितने तब होगी निश्चित रूप से उसे नियंत्रित करना भी उतना ही मुश्किल होगा सहयोग से मनुष्य का मन भी एक प्रगति वाला वाहन है अनंत इच्छाओं से युक्त इस चंचल मन को नियंत्रित करने में क्रोध लोभ मोह स्वार्थी प्रदेश जैसे तत्व एक प्रबल अवरोधक की भूमिका निभाते हैं प्राकृतिक ने मानव को उपहार स्वरूप ऊर्जा का आधार सागर प्रदान किया है किंतु यदि मन वश में नहीं है तो ऊर्जा का प्रभाव नकारात्मक दिशा में होने लगता है परिणाम स्वरुप मनुष्य सेंसेन स्वयं ही अपना आहिर करता रहता है एवं उन्नति के मार्ग से दूर हटता जाता है इससे बचने का एकमात्र उपाय है आत्म संयम एक बार यदि मानस वाचा कर्मणा इस जीवन का अंग बना लिया जाए तो गुणों का एक समूह तथा धैर्य क्षमता एकाग्रता प्रेम उदारता त्याग इत्यादि स्वयं ही व्यक्तित्व में समावेशित होते जाते हैं आत्म संयम मानव के जीवन को केंद्रित कर कर उसके प्रभाव को सकारात्मक दिशा में सुनिश्चित करता है जिससे उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहता है साथियों को भी सरलता से प्राप्त करने में सफल होता है आत्म संयम के अभाव से लक्ष्य प्राप्ति में विफलता एवं सामान्य * निश्चित बात है

©Ek villain #मानव जीवन में आत्म संयम

#roseday
मानव के जीवन में आत्मसात यम का अत्यंत ही महत्व है आत्मसम्मान को आत्महत्या कर हम जीवन के विषम परिस्थितियों को जीत सकते हैं वाहन की गति जितने तब होगी निश्चित रूप से उसे नियंत्रित करना भी उतना ही मुश्किल होगा सहयोग से मनुष्य का मन भी एक प्रगति वाला वाहन है अनंत इच्छाओं से युक्त इस चंचल मन को नियंत्रित करने में क्रोध लोभ मोह स्वार्थी प्रदेश जैसे तत्व एक प्रबल अवरोधक की भूमिका निभाते हैं प्राकृतिक ने मानव को उपहार स्वरूप ऊर्जा का आधार सागर प्रदान किया है किंतु यदि मन वश में नहीं है तो ऊर्जा का प्रभाव नकारात्मक दिशा में होने लगता है परिणाम स्वरुप मनुष्य सेंसेन स्वयं ही अपना आहिर करता रहता है एवं उन्नति के मार्ग से दूर हटता जाता है इससे बचने का एकमात्र उपाय है आत्म संयम एक बार यदि मानस वाचा कर्मणा इस जीवन का अंग बना लिया जाए तो गुणों का एक समूह तथा धैर्य क्षमता एकाग्रता प्रेम उदारता त्याग इत्यादि स्वयं ही व्यक्तित्व में समावेशित होते जाते हैं आत्म संयम मानव के जीवन को केंद्रित कर कर उसके प्रभाव को सकारात्मक दिशा में सुनिश्चित करता है जिससे उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहता है साथियों को भी सरलता से प्राप्त करने में सफल होता है आत्म संयम के अभाव से लक्ष्य प्राप्ति में विफलता एवं सामान्य * निश्चित बात है

©Ek villain #मानव जीवन में आत्म संयम

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