रहमत-ए-ख़ुदा तेरी ऐसी हुई चिराग-ए-रौशन से उजड़ा बागबान खिल गया, थे अंधेरों के गहन अंधकार में आज उम्मीद का मानो मार्तण्डोदय हो गया, कण कण में खुशियों की रौनक-ए-बहार आ गईं ,मानो नवजीवण मिल गया, हे! ईष्ट अपना आशीष चहुँओर बनाये रखना,बस अब मेरे जीवन का मकसद पूर्ण हो गया। 🌝प्रतियोगिता- 08 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"चराग़-ए-रौशन" 🌹 Meaning : Bright lamp 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या