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. मन में संतोष होना स्वर्ग की प्राप्ति से भी बढ़क

.  मन में संतोष होना स्वर्ग की प्राप्ति से भी बढ़कर है, संतोष ही सबसे बड़ा सुख है। संतोष यदि मन में भली-भांति प्रतिष्ठित हो जाए तो उससे बढ़कर संसार में कुछ भी नहीं है।

©संदीप मौर्य
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