तन्हा हुई रात जैसे मेरे बिखरे जज्बात याद आती प्रथम प्यार की पहली अजनबी मुलाकात नमी सी छाई कलिया दिल मे खिला गई भीगा सा था मौसम हसीन मध्यम सी थी रोशनी कह नहीं सकता हसीना थी या चांदनी शरबती से उसके नयन सुर्ख गुलाबी बहती पवन जैसे उसकी मदमस्त चाल कह नहीं सकता स्वप्न था या ख्याल प्रथम प्रेम में ऐसा ही होता दिल का हाल इधर मैं बेहाल उधर वो बेहाल ✍️कमल भंसाली #NojotoQuote प्रथम प्यार