कुछ साँसे हैं मजबूर यहां कुछ राहें हैं मशहूर यहां हर आह की बोली लगती है कुछ लोग हैं यूँ मगरूर यहां कुछ बाटें है कतरा कतरा कुछ भोग विलास सा चाट गए कहते हैं खुद को इंसान हर हिस्सा जिस्म का बाँट गए है ये जगह गंदी , है नाम बुरा कुछ लोग हमें समझाते हैं छोड़ आसियाने अपने हर रोज फिर भी महफ़िल यहीं सजाते हैं और कमर तोड़ कर जिनकी मूछों को ताव दे जाते हैं की भरे बाजार में उनको ही रंडी कहकर बुलाते हैं खोजते हो इंसानियत तुम इस मकां में यहां हैवानियत का नंगा नाच होता है सुनते होंगे दुआएँ भगवान किसी और जहां में यहाँ हर मजहब का ईशवर सोता है क्या हिन्दू क्या मुसलमान यहाँ हर धर्म एक होता है बस इत्ती सी दास्तान है इस जगह की की,,,,कुमकुम की थाल में नर्क सी दुनियां सा रंडी का कोठा होता है #NojotoQuote रंडी का कोठा कुछ साँसे हैं मजबूर यहां कुछ राहें हैं मशहूर यहां हर आह की बोली लगती है कुछ लोग हैं यूँ मगरूर यहां कुछ बाटें है कतरा कतरा कुछ भोग विलास सा चाट गए