Nojoto: Largest Storytelling Platform

"हर अदा से आती "जान"तेरे खुशबू के दिवाने है मदहोश

"हर अदा से आती "जान"तेरे खुशबू के दिवाने है
मदहोश है सांसों की आहट से अंगडा़ई पर तो दिल हम अपना हारे है" भीगी-भीगी अल्को से चोरी-चोरी पलकों से

   क्यूँ मेरा सपना चुराये

झुकी झुकी अँखियों से , धीरे-धीरे बतियों से
   
  क्यूँ मुझे अपना बनाये
"हर अदा से आती "जान"तेरे खुशबू के दिवाने है
मदहोश है सांसों की आहट से अंगडा़ई पर तो दिल हम अपना हारे है" भीगी-भीगी अल्को से चोरी-चोरी पलकों से

   क्यूँ मेरा सपना चुराये

झुकी झुकी अँखियों से , धीरे-धीरे बतियों से
   
  क्यूँ मुझे अपना बनाये