मेरी कहीं बातों का यकीन मानोगी क्या... कितनी मोहब्बत हैं मेरे दिल मे... बिना कहे जानोगी क्या।। यूं तो पहले भी सोते थे हम बड़े शौक से... मगर अब सरेआम हैं एक लड़की का सपनो मे देखे जाना... तुम आकर जरा वो चांद सी सूरत पहचानोगी क्या।। ©gumnaam_writer011 #यकीन