ख्वाब देखने में समझौता क्यों? जब भी देखेगे बड़ा देखेगे छोटा क्यों? कुछ तो सोचा होगा मेरे खुदा ने मेरे लिये, वरना इस धरा पर अपना जन्म होता क्यों? ख्वाब देखने में समझौता क्यों? #कविता #शायरी #poetry