भोर हुई है अब जाग उठो, कमर कस अब स्वयं उठो। जगती के अब नए रूपो में, स्वयं का ले अब विश्वास उठो।। मन में हो चाहें किवदंती ? पूर्ण करेंगे वो किवदंती । लक्ष्य की ज्वाला हो उठती, पूर्ण करने की हो परमशक्ति।। जागरण......