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मैं अब उकता गई हूं कुछ भी अच्छा नहीं लगता....! स

मैं अब उकता गई हूं 

कुछ भी अच्छा नहीं लगता....!
सहेज के रखें थे रिश्ते कई
दर्द मे जरूरत पड़ने पर 
अपना साया तक संग नहीं दिखता....! 

डर लगता था मरने  से
मगर अब जीने जैसा भयावह 
कुछ नहीं लगता....! 

मैं नहीं जानती सत्य क्या है क्या है मिथ्या
मगर मैं जानती हूं यह
कई दफा कैद हो जाती
लोगों की सोच में ,  उनके समझ के हिसाब से
लोग मेरे लिए जैसा सोचते हैं 
मैं वैसे ही बनती जा रही हूं....
मैं अपनी चारों तरफ के पिंजरे को स्वयं ही
स्वीकार चुकी हूं!
और इसकी चाबी कर दिया है दूसरों के हवाले...

©Katha(कथा) #alone मैं अब उकता गई हूं mahi singh  shivom upadhyay  Pyare ji  MM Mumtaz  Muna Uncle   Pyare ji  WISH  Gautam  अdiति  ༎ ค⁦yat ༎⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁩⁩⁩⁩⁩  Yash Mehta   Sircastic Saurabh  Chocolate  नीर  Naveen  Priya Gour
मैं अब उकता गई हूं 

कुछ भी अच्छा नहीं लगता....!
सहेज के रखें थे रिश्ते कई
दर्द मे जरूरत पड़ने पर 
अपना साया तक संग नहीं दिखता....! 

डर लगता था मरने  से
मगर अब जीने जैसा भयावह 
कुछ नहीं लगता....! 

मैं नहीं जानती सत्य क्या है क्या है मिथ्या
मगर मैं जानती हूं यह
कई दफा कैद हो जाती
लोगों की सोच में ,  उनके समझ के हिसाब से
लोग मेरे लिए जैसा सोचते हैं 
मैं वैसे ही बनती जा रही हूं....
मैं अपनी चारों तरफ के पिंजरे को स्वयं ही
स्वीकार चुकी हूं!
और इसकी चाबी कर दिया है दूसरों के हवाले...

©Katha(कथा) #alone मैं अब उकता गई हूं mahi singh  shivom upadhyay  Pyare ji  MM Mumtaz  Muna Uncle   Pyare ji  WISH  Gautam  अdiति  ༎ ค⁦yat ༎⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁦⁩⁩⁩⁩⁩  Yash Mehta   Sircastic Saurabh  Chocolate  नीर  Naveen  Priya Gour