“तुम्हारे और हमारे दरमियां बंधी आस की वो बून्द देखो न कैसे पीपल के पत्ते पर लटक रहा है। यकीनन किसी रोज़ सावन का झरोखा आएगा जिसके मदहोशी में वो पत्ती झूम उठेगी और सांस की आखिरी क्वायतों के साथ जूझकर वो बूंद धरातल पर उमड़ रही मिट्टी में समाहित हो जाएगी और एक सोंधी सी ख़ुशबू के साथ जाने कहां कहां बिखर जाएगी। अगर हमारे आस की वो बून्द गिर गयी तो क्या हमारे दरमियां दूरियां ख़त्म हो जाएंगी बताओ क्या उसके बाद तुम हमारी कहलाओगी।” #love #youandme