सुनो प्रेम सब्र है, सौदा नहीं, इसीलिए ये हर किसी से होता नहीं, तेरे प्रेम में वो सब्र है, जो कहीं और मिलता नहीं, दिल की क्यारी में प्रेम का फ़ूल, हर किसी के आने से खिलता नहीं, कितने ही चेहरे सामने हो, ख़ुदा जानता है, किसी के सामने ये मन पिघलता नहीं, मन में तुझको बसा रखा है इस तरह, कि अब इस दिल में कोई और उतरता नहीं, बेशक हमारी मुलाकात को वक्त लग रहा है, पर किसी और से मिलने को दिल करता नहीं, तेरी तस्वीर को आंखों में बसाए बैठी हूं, इसलिए मेरी आंखों में अब कोई चेहरा जचता नहीं, इत्तेफ़ाक से मिले हम दोनों यहां, ऊपरवाला हर किसी पर ऐसी मेहरबानी करता नहीं..!! - Kiran ✍🏻❤️🧿 ©ख्वाहिश _writes #chaandsifarish