दिए तूने ज़ख्म तेरी खुदगर्ज़ी के वास्ते, फिर भी दे रहा दुआ खुश रहे तू मेरे दिल के वास्ते, चल पड़े हम अकेले हमारी मंज़िल के रास्ते, फिर से दे रहा दुआ खुश रहे तू मेरे सुकून के वास्ते, ढूंढ ने निकला हु वजूद अपना मेरे बच्चों के वास्ते, फिर से दे रहा हु दुआ खुश रहे तू मेरे इश्क़ के वास्ते, मिन्नते करूँगा परवरदिगार से तेरी सलामती के वास्ते, फिर से कर रहा दुआ खुश रहे तू मेरे लम्हो के वास्ते, खाख छानूँगा खुदा के दर पे तेरी खुशियों के वास्ते, फिर भी कर रहा दुआ खुश रहे तू मेरे लम्हो के वास्ते,