चंद लम्हें हैं गर पैमाना तेरी मुहब्बत का, तो खुदा हमें ताउम्र इश्क़ से बचाए रखना, गर मापती हो मुहब्बत को तिजारत की तरह, तो खुदा हमें ऐसी सोहबत से बचाए रखना लम्हें