मन में है जो बोल दो । मन की मन में दबी रहे न, गिरहों को न मोल दो ।। गिरहें नासूर न बने, मिलजुल के सभी रहें । तन मन दोनों ठीक रहे तो, जीने का आनंद मिले ।। सुप्रभात। मन की गिरहें खोल दो, रिश्तों को कुछ मोल दो... #मनकीगिरहें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi