निश्चित रूप से खुशियाँ साझा करने से बढ़ती हैं, जबकि दुःख साझा करने से कम होते हैं, हाँ सुख-दुख साझा करने को उपयुक्त पात्र होना अति आवश्यक है। ©Atal Ram Chaturvedi खुशियाँ और दुःख