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काश अगर इस देश के पी एम, योगी बाबा होते ऐसे समय

काश अगर इस देश के पी एम, योगी बाबा होते 
ऐसे  समय में घंटी, दीपक लेकर के ना रोते
बहुत बजाये घंटी बाबा दीपक बहुत जलाये 
जितना है ये कर्मकांड सब मंदिर में कर आये 
समय गवांते नहीं फालतू, कर्मयुद्ध रत होते 
सारे आताताईपन को कुचल रहे वो होते 
 रणभेदी बज चुकी देश में दुश्मन द्वार खड़ा है 
हर हजार पर एक है भारी, अपने पर ही अड़ा है 
रिपु तो है बलवान और संकट भी बहुत बड़ा है 
और उसी में देश का बैरी कुछ गद्दार खड़ा है 
हे नरेंद्र सब देशभक्त बिन बोले साथ खड़े हैं 
पर जो हैं गद्दार-ए-वतन, वे अपने पर ही अड़े हैं 
अपना कहते आप उन्हें, वो हमें मिटाने को आतुर 
जितना चाहो विनय करो, वो ना बैठेंगे अन्तःपुर 
घंटी दीपक की फ़रमाइस,  से ना कुछ होने वाला 
फ़न कुचलना पड़ेगा उनका, जो रोग बढ़ाने है वाला 
प्रेम से बात तभी तक जचती, जब तक सब सीमित है 
हर मर्यादा लाँघ चुके जब, फिर क्यों वे जीवित हैं 
हरकत उन जाहिल दुष्टो की, आप सुनें तो होंगे 
उनकी क्या मंसा हैं, आखिर समझ चुके तो होंगे 
मत का है अधिकार उसे, जो  उसकी लाज बचाये 
शासन कुछ भी थोप ना दे, इन सब पर प्रश्न उठाये 
मोदी जी एक है सुझाव, अब वोट की लाज बचाओ 
केवल सौ दिन दो योगी को, यश का पुण्य कमाओ 
ठीक नहीं मीठी गोली से, जटिल बीमारी होगी 
शैल्य चिकित्सा है आवश्यक, जिसके माहिर योगी 
आश्चर्यचकित करते रहते हो, अक्सर सबको मोदी जी 
एक बार फिर चकित करा दो, देश सम्हाले योगी जी 
वरना हम मजबूर प्रेमवश दीप जला तो लेंगे 
और देश की विवश व्यवस्था, पर बस आँसू देंगे... 

                                         ✍️ विश्व विजय पुकार
काश अगर इस देश के पी एम, योगी बाबा होते 
ऐसे  समय में घंटी, दीपक लेकर के ना रोते
बहुत बजाये घंटी बाबा दीपक बहुत जलाये 
जितना है ये कर्मकांड सब मंदिर में कर आये 
समय गवांते नहीं फालतू, कर्मयुद्ध रत होते 
सारे आताताईपन को कुचल रहे वो होते 
 रणभेदी बज चुकी देश में दुश्मन द्वार खड़ा है 
हर हजार पर एक है भारी, अपने पर ही अड़ा है 
रिपु तो है बलवान और संकट भी बहुत बड़ा है 
और उसी में देश का बैरी कुछ गद्दार खड़ा है 
हे नरेंद्र सब देशभक्त बिन बोले साथ खड़े हैं 
पर जो हैं गद्दार-ए-वतन, वे अपने पर ही अड़े हैं 
अपना कहते आप उन्हें, वो हमें मिटाने को आतुर 
जितना चाहो विनय करो, वो ना बैठेंगे अन्तःपुर 
घंटी दीपक की फ़रमाइस,  से ना कुछ होने वाला 
फ़न कुचलना पड़ेगा उनका, जो रोग बढ़ाने है वाला 
प्रेम से बात तभी तक जचती, जब तक सब सीमित है 
हर मर्यादा लाँघ चुके जब, फिर क्यों वे जीवित हैं 
हरकत उन जाहिल दुष्टो की, आप सुनें तो होंगे 
उनकी क्या मंसा हैं, आखिर समझ चुके तो होंगे 
मत का है अधिकार उसे, जो  उसकी लाज बचाये 
शासन कुछ भी थोप ना दे, इन सब पर प्रश्न उठाये 
मोदी जी एक है सुझाव, अब वोट की लाज बचाओ 
केवल सौ दिन दो योगी को, यश का पुण्य कमाओ 
ठीक नहीं मीठी गोली से, जटिल बीमारी होगी 
शैल्य चिकित्सा है आवश्यक, जिसके माहिर योगी 
आश्चर्यचकित करते रहते हो, अक्सर सबको मोदी जी 
एक बार फिर चकित करा दो, देश सम्हाले योगी जी 
वरना हम मजबूर प्रेमवश दीप जला तो लेंगे 
और देश की विवश व्यवस्था, पर बस आँसू देंगे... 

                                         ✍️ विश्व विजय पुकार
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