हर सुबह घर की मुंडेर पर दस्तक देती चीं-चीं कर ख़ूब शोर मचा मुझे जागती इधर-ऊधर ताक़-झाँक करती मिल जाएँ खाने को जो कुछ भी नन्ही-नन्ही चोंच से बड़े इत्मीनान से दाने चुगती ज़रा-सी आहट सुनकर फुर्र से ऊँची डाल पर जा बैठती साथ हमारा ख़ूब भाता उसे, छत-छज्जे पर बनाती आशियाना प्रकृति की ख़ूबसूरत रचना यह "गौरैया" के नाम से है जानी जाती। आइये आज हम सब प्रण लें इस प्यारी-सी पंछी की हिफाज़त का बीड़ा उठाएँ तपती गर्मी में घर-आँगन में इसके लिए खाना और पानी रखें। ©नेहा ईश्वर #savesparrow