Nojoto: Largest Storytelling Platform

आँखों के पानी की खातिर हमनें कुछ याद संभाली है भ

आँखों के पानी की खातिर 
हमनें कुछ याद संभाली है 
भूल न जाऊँ खाक हुआ था 
बस तबही अर्थी निकाली है 
माना थोड़ा अहम है आया 
पर बिल्कुल नहीं डिगा हूँ मैं 
देखो- देखो ऐ दुनियाँ वालों 
अब तक भी वही खड़ा हूँ मैं 
माना दर्दों को बहुत है झेला 
तब जाकर खुद में दक्ष हुआ 
कभी मिले थे मुझको तजुर्बे 
अब हूँ उनसे परिपक्व हुआ

©ANOOP PANDEY
  #GateLight 
Anshu writer Ananya Pandey Sweety mehta Richa Chaubey