ऐसे भी कुछ ग़म होते हैं शाहिद मीर ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Shahid Meer Ghazal शाहिद मीर की ग़ज़ल ऐसे भी कुछ ग़म होते हैं जो उम्मीद से कम होते हैं आगे आगे चलता है रस्ता पीछे पीछे हम होते हैं