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इतना जज़्ब मंज़र है कि नज़र धुंधली नहीं होगी इन पल

इतना जज़्ब मंज़र है कि नज़र धुंधली नहीं होगी
इन पलकों के साए से भली कोई बदली नहीं होगी
बरसते किसने देखा है सरसतम मेह का सावन
न तुमसा कोई दीवाना ना मुझसी पगली कोई होगी
फिरा करते हैं एक दूजे में हम तुम ऐसे आवारा
शोख़ तबियत कोई इतनी भी न बनारस की गली होगी
तेरे दिल की लहरों पे मुसलसल नाव मैं चंचल
हौले-हौले सुहानी सुबह जैसे शाम गंगा में ढली होगी
इश्क़ आरिज़ पे जैसे तेरे मल गया हो अफताब
तेरी संदल निगाहों में माहे रंगो रोशनी घुली होगी
रच दे कोई ज़िंदा कहानी ज़मीं पर जज़्ब ऐसी भी
तकदीर को ये करिश्माई लकीरें बहुत खोजे मिली होंगी #toyou #yqtale #yqlovew #yqflow #yqlife #yqnature #yqyouandme
इतना जज़्ब मंज़र है कि नज़र धुंधली नहीं होगी
इन पलकों के साए से भली कोई बदली नहीं होगी
बरसते किसने देखा है सरसतम मेह का सावन
न तुमसा कोई दीवाना ना मुझसी पगली कोई होगी
फिरा करते हैं एक दूजे में हम तुम ऐसे आवारा
शोख़ तबियत कोई इतनी भी न बनारस की गली होगी
तेरे दिल की लहरों पे मुसलसल नाव मैं चंचल
हौले-हौले सुहानी सुबह जैसे शाम गंगा में ढली होगी
इश्क़ आरिज़ पे जैसे तेरे मल गया हो अफताब
तेरी संदल निगाहों में माहे रंगो रोशनी घुली होगी
रच दे कोई ज़िंदा कहानी ज़मीं पर जज़्ब ऐसी भी
तकदीर को ये करिश्माई लकीरें बहुत खोजे मिली होंगी #toyou #yqtale #yqlovew #yqflow #yqlife #yqnature #yqyouandme