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आओ कुछ अल्फाज़ लिखें खुद भूखी रह निज हाथों से, जि

आओ कुछ अल्फाज़ लिखें

खुद भूखी रह निज हाथों से,
जिसने भरपेट खिलाया है ।
जो सिरहाने के पास जगी,
पर लोरी गा हमें सुलाया है ।।
आज कलम उस आँचल पे,
उस देवी का सम्मान लिखें ।
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें ।।

आँख खोलकर सबसे पहले,
जिसको मित्र बनाया है ।
हँसकर, रोकर, उलट-पलट कर,
जिस आँचल में जीवन पाया है ।।
उस सर्वस्व समर्पण भावों का,
कलम, आज गुणगान लिखें ।
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें ।।

हँसना, चलना, बातें करना,
जो उँगली थाम सिखाया है ।
मेरे एक अश्रु को जिसने,
सिर आँखों से लगाया है ।।
वो शब्द प्रथम जो मुँह से निकला,
कलम, वही आवाज लिखें ।
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें ।।

--------नवीन कुमार दुनिया के सभी माँ को समर्पित
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें

खुद भूखी रह निज हाथों से,
जिसने भरपेट खिलाया है ।
जो सिरहाने के पास जगी,
पर लोरी गा हमें सुलाया है ।।
आज कलम उस आँचल पे,
उस देवी का सम्मान लिखें ।
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें ।।

आँख खोलकर सबसे पहले,
जिसको मित्र बनाया है ।
हँसकर, रोकर, उलट-पलट कर,
जिस आँचल में जीवन पाया है ।।
उस सर्वस्व समर्पण भावों का,
कलम, आज गुणगान लिखें ।
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें ।।

हँसना, चलना, बातें करना,
जो उँगली थाम सिखाया है ।
मेरे एक अश्रु को जिसने,
सिर आँखों से लगाया है ।।
वो शब्द प्रथम जो मुँह से निकला,
कलम, वही आवाज लिखें ।
आओ कुछ अल्फाज़ लिखें ।।

--------नवीन कुमार दुनिया के सभी माँ को समर्पित
naveenkumar2710

Naveen Kumar

New Creator