किस्मत ही ठहरीं शायद न घरसे हैं निकलते न हैं किसीसे मिलतें.. हैं फ़ासलों के दरमियां ज़िंदगानीया तैर रहीं न जाने कैसे सस्ती ये अब ऐशोआराम की जिंदगी मुझें नज़र आ रहीं...!! हुआ हैं गुजारा दो वक़्त का न दिखावें के लिए कोई अब कुछ खा रहा..!! बड़ी सस्ती हैं ज़िंदगी मंहगाई का नक़ाब जो हमने ही बनाया हैं..!! बड़ा सुकूँ हैं उसको आज जिसकी जरूरतें ही कम हैं..!! बदली सी अजीबोगरीब हैं ठहरीं ज़रूर किस्मत शायद..!! ©मी शब्दसखा -शंकर जाधव | Careless_pen✍🏻 #sunlight #Nojoto #nojotohindi #Life #luxury #lockdown #Change #quarantine #Phase #Chance अच्छा हुआ ये मौका ही मिला हैं नकाबपोश ज़िंदगी को सच्ची असलियत दिखाने का गुजारा भी हो सकता हैं चंद सिक्कों में..!! जिंदगी सिर्फ उड़ाने का नाम नहीं हैं उड़ाने के लिए कमाना भी पड़ता हैं...!! आज घर बंद हैं काम बंद हैं मग़र जिसने उड़ाया नहीं कमाया हैं वहीं भूख से नहीं मर रहा..!! हा इन सब के लिए भी अपवाद तो हैं..!! मग़र सचमें हम सबको जमीन पर लाने के जरूरत तो थी जो उड़ रहे थे हम आसमान में..!!हमारे जैसे कोई नहीं, हम उतना