महोंब्बत तो अधूरी ही सच्ची होती है... महोंब्बत तो अधूरी ही सच्ची होती है... और जो पूरी होजाए वो... हद से ज़्यादा पक्की होती है... लाख कोशिश करना तुम उसे तोड़ने की... मगर वो पक्की माटी से बनी होती है... के हां महोंब्बत तो अधूरी ही सच्ची होती है... और..जो पूरी हाेजाए वो हद से ज़्यादा पक्की होती है... और वो जो कहेते है के अधूरी महोंब्बत सच्ची नहीं होती... तो बता दूं उन्हें के अगर ऐसा ही होता...तो आज कृष्ण की संग्नी रुक्मणि की जगह राधा होती... #new_post #for_you #original #my_writes