झुठे रिस्ते निभाता नहीं मैं, उन्हे "जान" कहकर बुलाता नहीं मैं, सम्मान से अर्धांगिनी बनाना चाहता था तुम्हे, तुम आखरी प्रेम थी मेरा, तुम्हें भुला पाता नहीं मैं ।। #झुठे रिस्ते निभाता नहीं मैं, उन्हे "जान" कहकर #बुलाता नहीं मैं, सम्मान से #अर्धांगिनी बनाना चाहता था तुम्हे, तुम #आखरी प्रेम थी मेरा, तुम्हें #भुला पाता नहीं #मैं ।। #nagvendrasharma #massage