जेपीसी की मांग को सत्ता ना माने ! पूरा विपक्ष एक स्वर में जेपीसी मांगे !! सत्ता कहती आरोप नहीं सरकार पर सीधा ! लाखों करोड़ स्वाह हुए जाँच तो कर लो ना !! सत्ता पाक साफ़ है फिर डर काहे का ! जब थे विपक्षी ये रोज़ रोज़ जेपीसी चाहे था !! जाँच में आनाकानी से शुबहा बढ़ता है ! जिस पर है संशय वह खुद ही खुद निर्दोष कहता है !! राजाओं का ये है जनता का राज ! अफ़सोस आज की सत्ता को इतना भी न याद !! जनता के धैर्य की भी है अपनी सीमा ! जनता बिखर गयी मुश्किल होगा फटे को सीना !! कलम की सलाह है लोकतंत्र का भी यही तकाज़ा ! मालिक जनता देश की उसे हिसाब-किताब दिखात जा !! - आवेश हिंदुस्तानी 13.03.2023 ©Ashok Mangal #finance #India #Economy #AaveshVaani #JanMannKiBaat