राहतें यहीं बसती है, झील की पनाहों में.. खुली आकाश, हँसी वादियाँ ,बादलों की बाहों में..! आँख खुलते ही छाई रहती है ,अब्र की घटा चारों ओर,, धुंध की चादर लपेटे, खुबसूरत सपनों की बाहों में..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" #wadiyaan #jheel #pahaar #Rishika #Nojoto Manali Rohan anurag Dubey