White जो ख़ुशी मिल भी गई तुझको वो ख़ैरात समझ इस जहाॅं को तू फ़क़त गर्दिश-ए-आफ़ात समझ جو خوشی مل بھی گئی تجھکو وہ خیرات سمجھ اس جہاں کو تو فقط گردشِ آفات سمجھ ग़ौर से देख ये चेहरा मेरे हालात समझ जो न कह पाया कभी तुझ से मेरी बात समझ غور سے دیکھ یہ چہرہ مرے حالات سمجھ جو نہ کہ پایا کبھی تجھسے مری بات سمجھ मैं भी थक हार के उम्मीद तेरी छोड़ चुका सब्र का कोई नहीं आगे मक़ामात समझ میں بھی تھک ہار کے امید تری چھوڑ چکا صبر کا کوئی نہیں آگے مقامات سمجھ इक ग़ज़ल ताज़ा कहूॅं सोच रहा हूॅं कब से तंज़ हैं मुझ पे मगर मेरे ख़यालात समझ اک غزل تازہ کہوں سوچ رہا ہوں کب سے تنز ہیں مجھ پہ مگر میرے خیالات سمجھ ©جلال #GoodMorning #ग़ज़ल #Shayar #poem रुचि Sharween Sayyad गौरव आनन्द श्रीवास्तव शायरी दर्द शायरी