शर्मसार थी वह सैया भी ,जिसपे ट्विंकल लेटी थी , कैसे देखा होगा, खुद-ने उसको जिस मां की वो बेटी थी, बाप चाहता है बेटी को ...कि घर में मेरे उजाला होगा, क्या रोक पाएगा रोने से, जिस बाप ने उसको पाला होगा, डूब मरो तुम देशवासियों, तुमसे ना हो पाएगा .. वह नाचेंगे तुम देखोगे ...यह देश खत्म हो जाएगा रेप के घटिया कानूनों पर, मैंने वह हंसती रोती देखी थी डूब मरो ए देशवासियों ,हर घर की वो बेटी थी शर्मसार थी वह सैया भी , जिसपे ट्विंकल लेटी थी , Share for Twinkle sharma.... share for Justice