नए रंग जिंदगी के (Read in caption) सबकी जिंदगी में तरंग आती हैं जब देह नए रंग में आती हैं जिंदगी में कुछ नए रंग जुड़ते हैं बाल्यावस्था से किशोरावस्था में सब कुछ बदलने लगता हैं रंग,आकार,आवाज़,देखने का सलीका दूसरों के सामने बदलने लगता हैं बैठने का सलीका क्या,क्यों और कैसे हो रहा हैं ?