याद और सिर्फ याद ही बसी है मेरे दिल में तेरी रुह की वो आवाज आज भी बसी है मेरे मन में नहीं किया करते हम सिकवा तेरे दूर जाने का क्योंकि तेरे लवों की मुस्कान आज भी बसी है मेरे लवों में याद..... Challenge accepted