चाहतों को करके दर किनार, मंजिलों को पाना नहीं यार, सच्ची मोहब्बत में जाना, दिल को दुखाना नहीं यार, वो कैसा होगा, कैसी मुस्किले हैं, बिन जाने समझे, कुछ न कहेंगे, हैं अपने जैसी रहें यूं सबकी, सबके दिलों में मोहब्बत सच्ची, सच्ची मोहब्बत में जाना, करना है "रसिक" बस प्यार, चाहतों को करके दर किनार, मंजिलों को पाना नहीं यार....! मंजिलों को पाना नहीं यार....!