ग़र फ़लक के हवाले इश्क़ की आग कर देते हम सूरज को इतना जलाते कि राख़ कर देते जो कुछ आशिक़ हैं हमारे ग़र ख़ुदा बन जाते मोहोब्बत तो मुहाल है साँसे भी नाप कर देते तेरी तमसील चाँद से होगी कल ग़र पता होता क़ुदरत से बग़ावत कर महताब बे-दाग़ कर देते सोहबत-ए-बेचैनी तसव्वुर को ख़याल बना देती हम अपनी नींद को एक अधूरा ख़ाब कर देते मेरा हमदम अँधेरों में इजाज़त देता है घुलने की हम सुबहा को इस तरहा छुपाते कि रात कर देते शब-ए-वस्ल पे हाँथों का काँपना लाज़मी था 'क़ासिद' क्या होता ग़र घूँघट उठाते ही वो आदाब कर देते मुहाल - Difficult - कठिन तमसील - Similitude - उपमा सोहबत - Company - साथ तसव्वुर - Imagination - कल्पना शब-ए-वस्ल - Night of meeting - मिलने की रात #YQbaba #YQdidi #YQbhaijan #Yopowrimo #Gazal #Love #Wish #Hope