Nojoto: Largest Storytelling Platform

शाम ढलती है तो नजर आती है, सवेरा ढलता है तो गौर नह

शाम ढलती है तो नजर आती है,
सवेरा ढलता है तो गौर नहीं होता,

कई रंग देखे हैं होकर तर बतर,
रंगों का असर होता है, पर शोर नहीं होता,,

©अहसास कुमार