टूटकर गिर रहा वो दूर का सितारा, जिससे माँगा था मैने साथ तुम्हारा। पूरे होते जो दिल की आरजुएँ मेरी, मुक़म्मल ही न हुई वो हसरतें मेरी। हमारे दरम्यान वो हमारे पल सारे, क्षण भर के लिए साथ-साथ सारे। फिर मुझे वो मुझसे ही दूर करता, जैसे बुझता सा वो दूर का सितारा। 117. #रातकाअफ़साना #रंजनकश्यप #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqbaba #yqlove #night