#OpenPoetry मन का दरवाज़ा ये काली रातों में खुलता जाता है मन भी आपे से बाहर और खूब मचलता जाता है ऐसे में तुझको मेरी और मुझको तेरी याद आए तो मैं करीब आता जाता हूं, तू करीब आता जाता है 🌹🌹🌸💮🌸🌹🌹 कवि " हेम राज " [ 8626884044 ] ✍️✍️✍️ ( सर्वाधिकार सुरक्षित ) #OpenPoetry मन का दरवाज़ा ये काली रातों में खुलता जाता है मन भी आपे से बाहर और खूब मचलता जाता है ऐसे में तुझको मेरी और मुझको तेरी याद आए तो मैं करीब आता जाता हूं, तू करीब आता जाता है युवा कवि एवं गीतकार " हेम राज " द्वारा रचित कविता।