चंदा मामा चंदा मामा में तुमसे बाते करना चाहाती हुँ । चमक रहे इन तारो को मुट्ठी में भरना चाहाती हुँ । में छोटी सी तेरी गुडियाँ हुँ आकाश में उड़ना चाहाती हुँ । बनाकर तुझको अपना संगीत होठो पे सजाना चाहाती हुँ । चँदा मामा में तुमसे बाते करना चाहाती हुँ । ©rohit sarswati शीर्षक # चंदा मामा # कवि एक गुडियाँ का सँदेश अपनी कविता के माध्यम से चँदा मामा तक पहुँचाना चाहाता है । #