हवा ने उनकी ज़ुल्फ़ों को कुछ यूँ छुआ, हवा ने उनकी ज़ुल्फ़ों को कुछ यूँ छुआ ज़ुल्फ़ों से टपकती बूदें मेरे तन से कुछ यूँ हुआ मुड़ कर देखा तो उनकी ज़ुल्फ़ें हवा में ज़ुल्फ़ों की हवा मेरे तन को सराबोर कुछ यूँ किया।। ओ आगे बढ़ती रही मैं देखता रहा ओ आगे बढ़ती रही मैं देखता रहा हवा में ज़ुल्फ़ें