वो अकेला आदमी किसी भीड़ में शामिल नहीं था किसी के सुख-दुख में भी नहीं, वो अकेला था जैसे किसी भवन पर उगा हुआ बरगद का पेड़ अपनी ज़रे ख़ुद ढूंढता हुआ सुखी दीवारो पर जीता हुआ यहाँ भी जीवन है संघर्ष कर जीने का सुख यह किसी को छाया नहीं दे सकता न ही कोई फल लेकिन दे सकता है थोरी- सी "हरियाली" ©bad red day #बरगद🌳 #जब जब बरगद के आगोश में #Life_A_Blank_Page #Life_Experiences #life_goals #मूड_ऑफ_ #Blacktree