दुःखो की बिजलियों का हुआ हाहाकार, तभी भगवान श्री कृष्ण का हुआ अवतार, फिर कालजयी का हुआ विनाश व संहार, बीती वो काली सी रैन, हर्षित हुआ संसार, तब से मेरे साँवरिया बस गए मेरे हरिद्वार, अनेक नाम से लोग रहे थे कृष्ण को पुकार, कोई कान्हा,कन्हैया कोई कहे बाल गोपाल, मनमोहना बड़ा लागे प्यारा नाचे थिरक ताल, तेरे भक्त कभी दुख न पाए लेते हर को सम्भाल, मेरे सर पर हाथ रखो कान्हा,जब भी दिल हो बेहाल। 🎀 Challenge-398 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।