अपने-अपने सूरज चांद सितारे होंगे, जिनको चाहेंगे सब लोग हमारे होंगे। रब ने ऐसी दुनिया एक बनाई होगी, बिछड़े हैं जो लोग वहां वो सारे होंगे! ग़म ना कर ऐ दिल ये दिन भी कट जाएंगे, रक़्स-ए-अदम होगा ख़ुश-कुन वो नज़ारे होंगे.. चलते-चलते इक दिन मंज़िल पा लेंगे हम, थकने वाले लोग यहां सब हारे होंगे। बीच भंवर है कश्ती मेरी, यक़ीं है मुझको, दरियाओं के पार कहीं तो किनारे होंगे। #yqaliem #bichhde_log #raqs_e_adam #yqurdu #yqurduhindipoetry #Rab_ki_duniya #chaahat #kinaare रक़्स-ए-अदम : Dance of non-existence ख़ुशकुन : Pleasant