यादों में आती हैं नजर खपरैल छत वाली वो घर ठंड में सुखी लकड़ियाँ जलाना नीम के नीचे वो बिताया दोपहर कुँए की वो मीठी पानी झूलों वाला वो शज़र बड़े बुजुर्ग की वो सयानी बातें दुआयों में जिनकी बड़ी असर सोना खटिये पे अकेले चिंता मुक्त वो सहर खेत खलिहान में दौड़ता बचपन वाला वो सफर जहन में हैं अब भी हूबहू प्यारा सा वो बचपन का घर #gaon#bachpan#15years#childhood#memory