ना गुलाब देना है ना वेलेंटाइन मनाना है जो झूल गए हमारे देश के खातिर सूली पर उनको फिर आज याद दिलाना है तुम महफूज हो सोना बाबू के खातिर उसने देश को अपने खून के कतरे कतरे में बसा लिया तुम झूल रहे हो अपनी यार की बाहों में उसने अपनी मां की रक्षा के लिए मौत को गले से लगा लिया गीतकार एवं कवि सोनू "स्नेही" 14fev# Valentine #love #azad #sonusnehi #Happy #Valentine's