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प्रेम प्रतिज्ञा-4 ऐ गुलशन ..... ऐ गुलशन तु हसता र

प्रेम प्रतिज्ञा-4

ऐ गुलशन .....
ऐ गुलशन तु हसता रह
रह मधुर प्रेम के प्रतीक 
तेरे उपवन में मोहिनी कुसुम खीले
टिमटिमाएं तितलियों के घरबार 
कवि सुमन से फैलाए प्यार....2

ऐ पवन.....
ऐ पवन तु आनंद ला
ला पत्थर दिलों में प्यार 
कोमल स्पर्श से जीवन मिले 
निर्जन से हम उब चुके हैं 
मधर मिलन का दे रसपान ...2

ऐ भंवरों .....
ऐ भंवरों तु स्वतंत्र रह
रह गुलशन के पाहुन
फूल खिले तेरे आगमन से 
फैला सुवासित सर्वत्र संसार 
समानता स्वरूप बयार..... 2

                   सुजित सुमन (प्रेम )

©𝙎𝙪𝙟𝙚𝙚𝙩 𝙎𝙪𝙢𝙖𝙣(PREM) #Heart #navodayan #sujeetjisuman #love #nojoto #my_love 

#SunSet
प्रेम प्रतिज्ञा-4

ऐ गुलशन .....
ऐ गुलशन तु हसता रह
रह मधुर प्रेम के प्रतीक 
तेरे उपवन में मोहिनी कुसुम खीले
टिमटिमाएं तितलियों के घरबार 
कवि सुमन से फैलाए प्यार....2

ऐ पवन.....
ऐ पवन तु आनंद ला
ला पत्थर दिलों में प्यार 
कोमल स्पर्श से जीवन मिले 
निर्जन से हम उब चुके हैं 
मधर मिलन का दे रसपान ...2

ऐ भंवरों .....
ऐ भंवरों तु स्वतंत्र रह
रह गुलशन के पाहुन
फूल खिले तेरे आगमन से 
फैला सुवासित सर्वत्र संसार 
समानता स्वरूप बयार..... 2

                   सुजित सुमन (प्रेम )

©𝙎𝙪𝙟𝙚𝙚𝙩 𝙎𝙪𝙢𝙖𝙣(PREM) #Heart #navodayan #sujeetjisuman #love #nojoto #my_love 

#SunSet
nojotouser5238180716

Sujeet Suman

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