हम अपनो से दूर रह पाते नहीं डर है कि जब रुठेगें तो मनाएगा कौन जब जिदंगी रुलाती तो गले से लगाऐगा कौन जीत का जशन मनाना होगा तो आ कर हौसला बढ़ायेगा कौन हार का गम होगा तो प्यार से हमारी पीठ सहलाऐगा कौन थक गर गए कभी चलते चलते मैं हूँ कह कर हाथ बढ़एगा कौन हम अपनों से दूर रह पाते नहीं डर है कि जब रुठेगें तो मनाएगा कौन। #डर #जिदगीं # प्यार से