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भोजन के गुण- सत्व, रज, तम ही हमारे व्यक्तित्व के म

भोजन के गुण- सत्व, रज, तम ही
हमारे व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण अंग बनते हैं।
अत: भोजन हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है। :💕👨Good evning ji
☕☕🍨🍨☕🍉🍉🍉💕💕👨👨👨☕☕🍹🍹🍧🍸🍫🍫
:
जीवन में शक्ति का आदान-प्रदान निरन्तर क्रम के रूप में चलता रहता है। एक से दूसरे का और दूसरे से तीसरे का निर्माण होता है। सृष्टि के इस क्रम को हम अपने ही शरीर में देख सकते हैं। एक कहावत है- “जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।”

हम जो भोजन करते हैं उससे हमारा शरीर बनता है। इसको आधुनिक चिकित्सा शास्त्र भी मानता है। भारतीय ज्ञान इससे भी ऊपर है। भोजन के साथ भाव का भी महत्व है, क्योंकि इससे खाने वाले का मन तुष्ट होता है। भोजन किस भावना के साथ बनाया गया, किस भाव और
भोजन के गुण- सत्व, रज, तम ही
हमारे व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण अंग बनते हैं।
अत: भोजन हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है। :💕👨Good evning ji
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जीवन में शक्ति का आदान-प्रदान निरन्तर क्रम के रूप में चलता रहता है। एक से दूसरे का और दूसरे से तीसरे का निर्माण होता है। सृष्टि के इस क्रम को हम अपने ही शरीर में देख सकते हैं। एक कहावत है- “जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।”

हम जो भोजन करते हैं उससे हमारा शरीर बनता है। इसको आधुनिक चिकित्सा शास्त्र भी मानता है। भारतीय ज्ञान इससे भी ऊपर है। भोजन के साथ भाव का भी महत्व है, क्योंकि इससे खाने वाले का मन तुष्ट होता है। भोजन किस भावना के साथ बनाया गया, किस भाव और